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Hello friends,
The students of 11&12th whom are Aspirant of JEE exam and needy can collect free study material including ncrt books, reference books and coaching material of Subjects Physics chemistry and mathematics.
Call 8349488803.
पहली बार किसी गज़ल को पढ़कर आंसू आ गए । 😔😔😢😰😥
शख्सियत ए "लख्ते-जिगर" कहला न सका ।
जन्नत के धनी ";पैर"; कभी सहला न सका ।
😭😭😭😭😭😭😭
दुध पिलाया उसने छाती से निचोड़कर,
मैं "निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका ।
😭😭😭😭😭😭😭
बुढापे का ";सहारा,, हूँ "अहसास" दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को "मखमल, पर सुला न सका ।
😭😭😭😭😭😭😭
वो "भूखी, सो गई "बहू, के "डर से ,
एकबार मांगकर
मैं "सुकुन के "दो, निवाले उसे खिला न सका ।
😭😭😭😭😭😭😭
नजरें उन "बुढी, ";आंखों से कभी मिला न सका ।
वो "दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका ।
😔😌😌😌😌😌😌
जो हर ";जीवनभर"; "ममता, के रंग पहनाती रही मुझे
उसे,
ईद/होली"; पर दो "जोड़ी, कपडे सिला न सका ।
😭😭😭😭😭😭😭
बिमार बिस्तर से उसे "आराम दिला न सका ।
"खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल, ले जा न सका । 😔😌😌😌😌😌😌
";माँ"; के बेटा कहकर "दम,तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
"दवाई, इतनी भी ";महंगी,, न थी के मैं ला ना सका । 😭😭😭😭😭😭😭
माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो,
उसे उसका ";Duaa"; समझकर भूला देना चाहिए|✨,, ✨
मैं यह वादा करता अगर यह पोस्ट आप दस ग्रुप मे भेजोगे तो कम से कम दो लड़के ईस पोस्ट को पढ कर अपनी माँ के बारे मे सोचेंगे जरुर!!!!!!
🙏🏼🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
खुबसूरत मेसेज जो आपका दिल छु लेगा ।
``` बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...
वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...
आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...
खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...
शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!😊
जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था...
जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था... !!😊
जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी...
आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है... !!😊
कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था...
आज घर पर आना और का खाना पसंद है... !!!😊
स्कूल में जिनके साथ झगड़ते थे, आज उनको ही इंटरनेट पे तलाशते है... !! 😊
ख़ुशी किसमे होतीं है, ये पता अब चला है...
बचपन क्या था, इसका एहसास अब हुआ है...
काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल..
.काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार...!!
👘 जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|🌀🌀
✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤💚💙💜
👻 जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..👥
👀जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |
🚲सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |🌙🚲
🔦💡On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |
🍏🍎🍉🍑🍈 फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |
🍰🎂🍧🏆🎉🎁 बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |
🔆फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |
🎭 सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?
और अब सोचते हम ब��
खुबसूरत मेसेज जो आपका दिल छु लेगा ।
``` बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...
वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...
आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...
खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...
शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!😊
जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था...
जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था... !!😊
जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी...
आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है... !!😊
कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था...
आज घर पर आना और का खाना पसंद है... !!!😊
स्कूल में जिनके साथ झगड़ते थे, आज उनको ही इंटरनेट पे तलाशते है... !! 😊
ख़ुशी किसमे होतीं है, ये पता अब चला है...
बचपन क्या था, इसका एहसास अब हुआ है...
काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल..
.काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार...!!
👘 जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|🌀🌀
✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤💚💙💜
👻 जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..👥
👀जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |
🚲सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |🌙🚲
🔦💡On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |
🍏🍎🍉🍑🍈 फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |
🍰🎂🍧🏆🎉🎁 बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |
🔆फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |
🎭 सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?
और अब सोचते हम ब��
bachpan me aap kon sa game khele hai
comments jarur kare
bachpan me aap kon sa game khele hai
comments jarur kare
Pl. Bring more children for education. Great job.
Good initiative