30/10/2022
छठ पूजा बा-तवन अईसन लोक-पर्ब हऽ जवन बिहार के धरती से निकरि के देस-बिदेस भर में फइलि गयल है ऐह समय। ई तेउहर एकलौता तेउहार रहल हऽ जवना में प्रकृति के उपासना के बिधान रहल। देखल जाय तऽ ई पर्ब अबहींन तक ले घोर ब्राह्मनवाद के चंगुल से बचल हऽ। बाकिन ऐह समय ऐह तेउहार पर जवन खतरा हौ ऊ बाजारवाद क खतरा हौ। बजार अपने पाश में येइ लोकप्रिय तेउहार के बड़ा तेजी से जकड़त जात हौ। बजार आपन पैर पसारे बदे, टीबी सीरियल आ तड़क-भड़क बिज्ञापन के सहारा लेवे ला। महिला लोगन पर टीवी के बहुते परभाव हौ। एह वजह सेनी सीरियलवा में खूब महंगा कपड़ा-लत्ता खूब खर्चिला सूप-दउरा किसिम-किसिम के फलाहार आइटम के खेप देखि के बिटिहिनिआ ओही के नकल करल चाहऽनी। छठ महिमा के, बजार के रैपर में लपेटि के, लोगन के समने पेश कयल जात हौ। का-का खरीदारी करै बा ई सब हाम-तूं नाहीं डिसाइड करिति जा, ई सब बाजार डिसाइड करऽला। ऐही से तेउहार आवत खूब धकाड़े में बिज्ञापन देखावल जाला। गांव देहात के महिला-बिटिहिन उपासना के मूल बिधि-बिधान के दरकिनार कयिके बजार के बहकावे में बहि जालिन। एक आऊर चीजु जवन छठ पर्व के अस्तर एकदम गिराइ देत बा, ऊ हौ डीजे संस्कृति। पहिले जइसन सुंदर छठ गीति सुनै के नहिनी मिलति। बजत बा खाली फूहड़ डीजे। आगि लागउ अइसने फूहड़ पातर डीजेन के बा-तवन। अच्छा तऽ एदा पारी दउरा में ७-८ सउ रूपिआ किलो वाला कीवी फल भी सजल बा। मरीजेन के जिउ जायि पलेट डाऊन होइ जात बा देखले नहिनी मिलत अ बा-तवन आदितदेउ हेतना महंगा फलाहार लेवे शुरू कयि देनं?
सबके छठ परब के शुभकामना। जै हो छठी मईया ।