नन्दानगर

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नन्दानगर विकासखंड नंदानगर जनपद चमोली उत्तराखंड राज्य में स्थित है। देव भूमि उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली का एक विकासखण्ड नंदानगर।
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26/08/2024
 #अश्रुपूर्ण_विदाई_की_वेला..।।   #सिद्धपीठ_नन्दाधाम_कुरुड़_से_कैलाश_के_लिए_निकली_मां_नन्दा_देवी_की_दो_भव्य_ड़ोलियां_व_बंड़_...
23/08/2024

#अश्रुपूर्ण_विदाई_की_वेला..।।
#सिद्धपीठ_नन्दाधाम_कुरुड़_से_कैलाश_के_लिए_निकली_मां_नन्दा_देवी_की_दो_भव्य_ड़ोलियां_व_बंड़_छंतोली ।।
नम आंखों से बेटी को निर्जन प्रदेश के लिए विदा कर हजारों जनमानस आंखों को छलकनें से नहीं रोक पाए, आँसुओं के सैलाब नें सबके हृदयों को करुणा के भवसागर में डुबो दिया ।

बड़े हर्ष के साथ विगत 21 अगस्त से नन्दा धाम सिद्धपीठ कुरुड़ में मां नन्दा देवी मेले का भव्य आयोजन चल रहा है जिसके समापन के साथ ही आज देव ड़ोलियां पवित्र छंतोलियां और कटार चिह्न भ्रमण के लिए निकल पड़ी हैं ।
पुराणों में आस्था रखनें भले ही कैलाश को पवित्र स्थान मानते हों परन्तु यहां के आम जन - मानस उसे नन्दा की ससुराल मानते हैं जहां उन्हें अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं अकेलापन प्रतिकूल भौगोलिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।।
इस अवसर पर मां नन्दा के पश्वा पर देवी अवतरित हुई और रिसासों निवासियों से नम आंखों से विदाई की आज्ञा ली.. सभी श्रद्धालुओं नें नम आंखों से माँ के जयकारों के साथ उन्हें विदाई दी....
सिद्धपीठ कुरुड़ से दो भव्य ड़ोलियां नन्दा-सुनंदा (दशोली- बधांण) व बंड भूम्याल के प्रतिकात्मक पवित्र रिंगाल की छंतोली भ्रमण पर निकली......

विधिवत पड़ावों के बाद नन्दा अष्टमी के दिन दशोली की यात्रा बालपाटा में तथा बधाण की यात्रा वेदनी व बंड भूम्याल की यात्रा नरेला बुग्याल में संपन्न होगी.....
तदोपरांत दशोली की ड़ोली और बंड छंतोली वापस कुरुड़ लौटेंगी।
जबकि बधांण डोली की छः माह प्रवास ले लिए अपनें ननिहाल देवराड़ा जाएगी और उतरायण के दिन वापस कुरुड़ आएगी.......

माँ नन्दा को उनके मैतियों ने स्थानीय फल ककड़ी, मुंगरी, आड़ू सेब तथा श्रंगार के सामान चूड़ी मुनड़ी तेल कंघी व खाजा चावल इत्यादि भेंट के साथ भावुक मन से कैलाश को विदा किया.....
माता पर भरोसा है कि वे अपने मैतियों के समस्त दुखों को दूर कर सुख समृद्धि व खुशाहाली प्रदान करेगी।

कुरुड़ का प्राचीन नाम कुंजाकूट (कूंज के कांटों का जंगल) था. और वहाँ निवास करने वाले गौड़ ब्राह्मण को वहां देवी की मूर्ति होने का सपना हुआ था । अगले दिन पुजारी को उसी जगह पर खोदने पर मूर्ति मिली।
गोड़ ब्राह्मणों को ही मां नन्दा देवी मूर्ति ढूंढने का श्रेय जाता है और वही लोग देवी के पुजारी भी हैं।
कुरुड़ मां नन्दा देवी का इतिहास दो ताम्रपत्रों में इसका समाविष्ट मिलता है ।
जिसमें से एक ललित जी द्वारा लिखा गया ताम्रपत्र है तथा दूसरा मोहनसिंह बुटोला जी द्वारा लिखा गया है..।।
मोहन सिंह बुटोला जी द्वारा लिखा गया ताम्रपत्र जिसे #समसा नाम दिया गया 1717 में राजा प्रद्युमन शाह जी द्वारा उसे मान्यता भी दी गई और मां नन्दा देवी को राजराजेश्वरी का खिताब भी दिया गया.। जिसमें से एकाद ताम्रपत्र पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास रह गये कुछ तत्कालीन सरकारी दफ्तर पौड़ी में व कुछ सिद्धपीठ मन्दिर समिति कुरुड़ के पास अभी भी उपलब्ध हैं।
राजजात को गढ़वाल के राजाओं ने मान्यताऐं दी और सिद्धपीठ कुरुड़ से मां नन्दा देवी के श्रीयंत्र को देवी का प्रतीक मानकर अपनें कुलपुरोहितों के गांव नौटी में उसकी स्थापना की। जबकि देवी की शिला-मूर्ति दर्शनार्थ सभी सिद्धपीठ कुरुड़ ही आते थे यही कारण है कि आज भी राजजात में देवी की भव्य ड़ोलियां सिद्धपीठ कुरुड़ से निकलते हैं
इसके अतिरिक्त प्रतिवर्ष होनें वाली लोकजात को हम लोकपर्व के स्वरूप मनाते हैं जिससे की बारह वर्ष के समयांतराल हम देवी को बिसारें नहीं।।
मां नन्दा देवी को हम ध्याण के रुप में पूजते हैं जिसका विस्तार अल्मोड़ पेनखंड़ा एक ओर जोहर से लेकर भिलंगना घाटी तक हम देख सकते हैं।
आज अपने प्रथम पड़ाव के लिए मां नन्दा देवी की ड़ोली(दशोली) ग्राम कुड़बगड़ में प्रवास करेगी तथा मां राजराजेश्वरी की ड़ोली(बधाण) ग्राम चरबंग में प्रवास करेगी।।
नन्दानगर

22/08/2024

23 अगस्त को माँ नन्दा होगी कैलाश के लिए विदा
हमारी दीदी गुड्डी देवी द्वारा माँ को विदाई के जागर की सुंदर प्रस्तुति।

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17/08/2024

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जै मां नन्दा राजराजेश्वरी 🙏🙏नन्दा देवी वार्षिक लोकजात का आगाज••••••◆◆◆(21-23 अगस्त 2024 कुरुड़ मेला)           विगत वर्षो...
05/08/2024

जै मां नन्दा राजराजेश्वरी 🙏🙏
नन्दा देवी वार्षिक लोकजात का आगाज••••••◆◆◆
(21-23 अगस्त 2024 कुरुड़ मेला)

विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी आम जनमानस के वर्षभर इंतजार के बाद आखिर वह पावन वैला आ ही गई जब मां नन्दा देवी की वार्षिक लोकजात का विधिवत शुभारंभ होगा..
बेटी को अपरिचित देश के लिए विदा करनें की यह अश्रुपूर्ण विदाई का दृश्य ह्रदय को करुणा से भर देता है जो उत्तराखंड हिमालय की अपनी अनोखी सांस्कृतिक पर्व है । जिसका शुभारंभ सीमान्त जनपद चमोली के सिद्धपीठ कुरुड़ गांव से होता है । वेद - शास्त्रों में नन्दा देवी का उल्लेख (स्थान) कुंजाकूट में बताया गया है । उत्तराखंड में और किसी देवी - देवता की इतनी बड़ी मान्यता है जितनी कि मां नन्दा देवी की । एक तरफ जोहार से लेकर विलंघना घाटी तक हम इसका विस्तार देख सकते हैं ।पुराणों में आस्था रखनें वाले भले ही कैलाश को पवित्र स्थान मानते हों परन्तु यहां के आम जनमानस उसे नन्दा की ससुराल मानते हैं जहां उसे अनेक कष्ट उठानें पड़ते हैं अकेलापन प्रतिकूल भौगोलिक मुस्किलों का सामना करना पड़ता है । नन्दा को वहां से मायके बुलाकर एक अंतराल के बाद रिसासों निवासी अपनी आराध्य बैटी को ससुराल भेजनें की परंपरा ही जात कहलाती है । ऐतिहासिकता की अगर हम बात करें तो कई तरह की देवियों की कहानियां इसमें जुड़ती हैं एक ऐसा लगता है नन्दा देवी यहां की रही होंगी जिसमें बाद के वर्षों में राजजात की कहानी और नौटी अल्मोड़ा नैनीताल की नन्दा की कहानी जोड़ी गई होगी ।
वार्षिक लोकजात का यहां के आम जनमानस वर्षभर से इंतजार करते हैं और सिद्धपीठ कुरुड़ में तीन दिवसीय भव्य मेले में समस्त क्षैत्र का जन - सैलाब उमड़ पड़ता है । मेले के तीसरे दिन देवी की पूजा - अर्चना के बाद सब लोग नम आंखों से देवी को विदा करते हैं इस अवसर पर सिद्धपीठ कुरुड़ से दो भव्य ड़ोलियां (नन्दा-सूनन्दा) या (नन्दा-राजराजेश्वरी) की ड़ोलियां और बंड़ भूम्याल की पवित्र रिंगाल की छंतोली भ्रमण पर निकलती हैं । ये ड़ोली छंतोलियां उन सभी गांवों का भ्रमण करती हैं जो प्रतिवर्ष देवी का म्यवाक (पूजा) भरते हैं ।
वार्षिक लोकजात में नन्दा की ड़ोली दशोली क्षैत्र के गांवो का भ्रमण करती है विभिन्न गांवों के भ्रमण के दौरान देवी की ड़ोली के साथ क्षैत्र के देवी - देवता और अनेक छंतोलियां भी यात्रा में शामिल होती हैं । विभिन्न पड़ावों के बाद अंतिम पड़ाव के लिए रात्री विश्राम रामणी गांव में करती है अगले दिन प्रातः ड़ोली पंचगंगा च्येजिन विनायक पहुंचती है जिसमें त्यूणा गजकोटी लाता पैनखंड़ा फरस्वाणफाड़ विरही घाटी की ड़ोली व छंतोलियां भी सम्मिलित होती हैं विनायक से थोड़ी चड़ाई चड़ते हुए पेड़ो को अलविदा कर मखमली बुग्यालों से होकर बालपाटा पहुंचती है ।
बालपाटा में यात्रा सम्पन्न होती है और उसी दिन रात्री विश्राम के लिए वापस रामणी गांव पहुंचती है इस ड़ोली का नन्दा दशोली के नाम से भी जाना जाता है ।
दूसरी ड़ोली कुरुड़ से निकलकर चरबंग मथकोट उस्तोली भैटी (बदाण क्षैत्र के गांव माने जाते हैं ) होते हुए बधाण के कोटा गरुड़ ड़ुगरी इत्यादि गांव होते हुए विभिन्न पड़ावों के बाद अंतिम पड़ाव के लिए वाण गांव रात्री विश्राम करती है और अगले दिन प्रातः वेदनी कुंड़ पहुंचकर यात्रा सम्पन्न होती है। तदोपरांत विभिन्न पड़ावों के बाद यह ड़ोली छः माह प्रवास के लिए अपने ननिहाल देवराड़ा चली जाती है और उतरायण के दिन वापस कुरुड़ लौटती है ।
साथ ही उसी दिन कुरुड़ से बंड़ भूम्याल की प्रतिकात्मक पवित्र रिगांल की छंतोली बंड़ क्षैत्र (पीपलकोटी) भ्रमण के लिए निकलती है जो नरेला बुग्याल में सम्पन्न होती है और वापसी में रामणी गांव में नन्दा की ड़ोली के साथ वापस कुरुड़ लौट आती है ।

आप सभी जनमानस का नन्दा देवी वार्षिक लोकजात 2024 में नन्दा धाम कुरुड़ व विकासखंड नन्दानगर हार्दिक स्वागत करता है ।
नन्दानगर Pandavaas

*नन्दा देवी लोकजात यात्रा 2024* 🙏♥️*नन्दा देवी राज राजेश्वरी परगना नन्दाक बधाण यात्रा पड़ाव* 🙏😊*आप सभी को बताते हुए हर्ष...
05/08/2024

*नन्दा देवी लोकजात यात्रा 2024* 🙏♥️
*नन्दा देवी राज राजेश्वरी परगना नन्दाक बधाण यात्रा पड़ाव* 🙏😊
*आप सभी को बताते हुए हर्ष हो रहा है की नन्दा देवी लोकजात यात्रा 2024 के यात्रा पड़ाव व तिथि गौड़ पुजारी द्वारा सुनिश्चित हुआ है* 🙏😊♥️
*जय मां नन्दा देवी राज राजेश्वरी* 🙏♥️

वि ख नंदानगर नंदानगर के खलतरा गाँव की सोनम कंडारी व कुमजूग गाँव की प्रिया रावत का भारतीय सेना के नर्सिंग कोर में सब लैफ़...
24/07/2024

वि ख नंदानगर नंदानगर के खलतरा गाँव की सोनम कंडारी व कुमजूग गाँव की प्रिया रावत का भारतीय सेना के नर्सिंग कोर में सब लैफ़्टिनेंट पद पर चयन होंने पर बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएँ।

देश के चारों मठों में एक ज्योतिर्मठ पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महारा...
25/06/2024

देश के चारों मठों में एक ज्योतिर्मठ पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा जिला चमोली के कल्याण के लिए चलाई जा रही "चमोली मंगलम यात्रा" के निमित्त आज उत्तराखंड की आराध्य देवी माँ नंदा राजराजेश्वरी सिद्धपीठ कुरूड़ नन्दानगर के दर्शन किये ।
आपके आगमन से माँ नंदा राजजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरूड की प्रतिष्ठा उत्कर्ष पर रहेगी व समस्त क्षेत्र में आध्यात्मिक बौद्धिक भौतिक विकास की नायर बहेगी।

सिद्धपीठ कुरुड़ में मां नन्दा देवी स्वंभू शिलामूर्ती रुप में विराजमान हैं और दो उत्सव ड़ोलियां हैं जिसका विश्व विख्यात नन्दा देवी राजजात यात्रा का प्रारम्भ कुरुड़ से होकर होमकुंड़ में सम्पन्न होती हैं ।

मां नन्दा को नमन करते हुए क्षेत्रवासियों को अवगत करना है कि दिनांक 25 जून 2024 को ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी श्री अ...
15/06/2024

मां नन्दा को नमन करते हुए क्षेत्रवासियों को अवगत करना है कि दिनांक 25 जून 2024 को ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 जी महाराज सिद्धपीठ कुरुड़ में मां नंदा देवी की पूजा अर्चना करेंगे आप सभी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनकर पुण्य के भागीदार बनें इस दौरान मंदिर कमेटी कुरुड़ गौड़ पुजारी व क्षेत्र की संभ्रांत जनता हेतु सामाजिक कार्यकर्ता दौलत सिंह बिष्ट ग्राम चरबंग हाल निवासी दिल्ली एवम अन्य सहयोगियों द्वारा भक्तों को प्रसाद हेतु बिशाल भंडारे का भी आयोजन रखा गया है आप सभी भक्त इस पुण्य अवसर पर आमंत्रित हैं

विकास खंड नंदानगर के ग्राo सभा  पेरी  पल्टिंगधार मे ठेकेदार की मनमानी से pmgsy सडक का मलबा pwd मुख्य सडक पर फेंका जा रहा...
13/06/2024

विकास खंड नंदानगर के ग्राo सभा पेरी पल्टिंगधार मे ठेकेदार की मनमानी से pmgsy सडक का मलबा pwd मुख्य सडक पर फेंका जा रहा है जहां एक ओर मुख्य सडक नष्ट-भ्रष्ट हो रही है वहीं पैदल चलने में भी जान को जोखिम में डालकर चलना पड़ रहा इसी सड़क से बच्चे रोजाना पैदल चलकर स्कूल भी आते जाते हैं, बता दें कि अभी तक मलबा की चपेट में आने से दो मवेशियों की मोत भी हो चुकी है फिर भी ठेकेदार डंपिंग जोन नहीं बना कर खुलें मे मलबा फेंक जा रहा हैं कई बार तो मलबा के पत्थर आने जाने वाहनों पर भी गिर चुके हैं पैदल चल रहे लोग बाल बाल अप्रिय घटना से बचे हैं,फिर भी PWD विभाग के द्वारा pmgsy ढ़ेकेदार को मलबा ना डालने के लिए कोई कदम नहीं बढ़ाया गया विभाग आपस में मिली जुली हुई है ये दोनों विभागीय लोगों किसी अप्रिय घटना का इन्तजार कर रहे हैं या ठेकेदार से मिले झुले हैं । कितने बार गांव वालों द्वारा इनको रोका गया है ये उनको निडर होके धमकी देते हैं कही भी जाओ शिकायत करो क्या कर लोगे आदि डराने का काम करते इनको कितने बार बोला गया डंपिंग जोन बनाओ ओर मलबा वहीं फेंको,
इस समस्या से सभी सुतोल ,पेरी ,वाली, पंजाचौखा ,पल्टिंग धार, इन गांव के लोग व वाहन स्वामी बहुत परेशान हैं यदि रात के समय किसी की तबियत खराब हो गई तो वह कैसे हॉस्पिल जा सकेग। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आनें वाली बरसात में तो यह सडक पैदल चलने लायक भी नहीं रहेंगी । मेरा pwd विभाग से अनुरोध है कि इस विषय पर गम्भीरता से एक्शन ले।ठेकेदार की इस मन मानीं को रोके।

#चमोली_dm
#नंदानगर

गर्व का पल !!!          जनपद चमोली नन्दानगर विकासखण्ड ग्राम लांखी (घिघंराण) के मूल निवासी स्व.मोहन सिंह बिष्ट जी का सुपु...
08/06/2024

गर्व का पल !!!
जनपद चमोली नन्दानगर विकासखण्ड ग्राम लांखी (घिघंराण) के मूल निवासी स्व.मोहन सिंह बिष्ट जी का सुपुत्र श्री आशीष बिष्ट आज सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हो गये हैं। यह हमारे विकासखण्ड नन्दानगर जनपद चमोली एवं उत्तराखंड के युवावर्ग को प्रेरणा स्रोत श्री आशीष बिष्ट सैनिक के रूप में भर्ती हुये थे और वहीं से उन्होंने तैयारी करके आज लेफ्टिनेंट बने हैं।
लेफ्टिनेंट आशीष बिष्ट को हमारी ओर से हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य की अनन्त शुभकामनाएं !!!

25/04/2024

यूनेस्को द्वारा विश्‍व सांस्कृतिक धरोहर घोषित रम्‍माण महोत्सव 2024

जनपद चमोली  नंदानगर के कांडई गाँव निवासी  रघुनाथ सिंह  का हुआ संघ लोकसेवा आयोग  परीक्षा में चयन। प्राप्त  की 461 वीं रैं...
16/04/2024

जनपद चमोली नंदानगर के कांडई गाँव निवासी रघुनाथ सिंह का हुआ संघ लोकसेवा आयोग परीक्षा में चयन। प्राप्त की 461 वीं रैंक।
समस्त क्षेत्र के लिए गौरवान्वित क्षण।
रघुनाथ सिंह जी की विधालयी शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज कांडई नंदानगर चमोली में संपन्न हुई थी।
उनके द्वारा की गई अटूट मेहनत और लगन को दिल से वंदन।
समस्त क्षेत्र के युवाओं के लिए आपकी यह सफलता निश्चित रूप से एक उर्जा का काम करेगी।
आपको ढेर सारी बधाई।

08/04/2024

स्थापना दिवस गढ़वाल स्कॉट जोशीमठ उत्तराखंड Vikku Pharswan

17/03/2024

ाँ_द्वारी...💐💐🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐

इस प्रकार की देव यात्राऐं बहुउद्देशीय होती हैं, देवी देवताओं की पूजा अर्चना व अराधना के साथ- साथ ये समाज को सकारात्मक दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, ऐसे आयोजनों से प्राप्त होने वाला ज्ञान दुनियां के किसी भी शिक्षण संस्थान से प्राप्त नहीं हो सकता है, ये मनुष्य को सीमित संसाधनों में जीवन के वास्तविक स्वरूप से रूबरू कराते हुए जीवन को वास्तविक रूप से जीनें की कला सिखाती हैं ।
इसमें प्रकृति के महत्व एवं मानव की सीमाओं का सीमांकन देखने को मिलता है, ये यात्राऐं व्यक्ति को निर्मल, अनुशासित व ब्यवस्थित होना सिखाती हैं, ये हमें हमारी पुरातन धरोहरों, रीति रिवाजों, व हमारी जडों से रूबरू कराती है,
ऐसी यात्राऐं भले ही बाहरी तौर पर केवल धार्मिक यात्राऐं मात्र नजर आती हों परन्तु इनके वास्तविक स्वरूप पर नजदीक से चिंतन मनन किया जाय तो केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि इसके विशाल स्वरूप से रूबरू हुआ जा सकता है.....
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08/03/2024

शिवरात्रि मेला नंदानगर 2024

आप सभी सादर आमंत्रित 💐💐💐💐
06/03/2024

आप सभी सादर आमंत्रित 💐💐💐💐

06/03/2024

आप सभी सादर आमंत्रित

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