20/01/2023
*खेती के अनमोल रत्न **
*मल्टीप्लायर की *अधिक जानकारी** 🪴🪴🪴
सभी का कहना है की, रासायनिक खाद जरुरी है.
खेती के उत्पाद बनानेवाली कंपनियों की संख्या लाखों में है, सभी का कहना है, हमारे उत्पाद का इस्तेमाल करो उत्पादन अच्छा मिलेगा, जब किसान भाई खेत में रासायनिक खाद डालता है, तब फसल का उत्पादन मिलता है, अगर रासायनिक खाद नहीं डाला तब उत्पादन नहीं मिलता, वास्तविकता यह है की, इंसान के पृथ्वी पर आने से पहले प्रकृति ने वनस्पति की निर्मिति की थी, इसलिए जब पहला इंसान पृथ्वी पर आया, उसने फल या कंद खाया.
*रासायनिक खाद से प्राकृतिक पोषण व्यवस्था बंद हो गई.*
मतलब वनस्पति के पोषण की सम्पूर्ण व्यवस्था प्रकृति के द्वारा संचालित है, इसलिए जंगल में कोई खाद नहीं डालना पड़ता, फिर भी वनस्पति बढ़ती रहती है, परन्तु हमारे खेतों में खाद डालना पड़ता है, क्योंकि जबसे हमने रासायनिक खादों का इस्तेमाल सुरु किया, हमारी मिटटी ख़राब हो गई, फसलों को प्राकृतिक पोषण देनेवाली व्यवस्था बंद हो गई है.
*पर्याय का चुनाव हमारे हाथ में है.*
हमारे सामने दो पर्याय हैं, एक हम रासायनिक खाद डालते रहें, इसमें पैसा खर्च होगा, साथ में फसलों पर किड रोग का अटेक बढ़ता जायेगा, उसके कंट्रोल पर भी पैसा खर्च होगा, दूसरा पर्याय है की, रासायनिक खादों के इस्तेमाल से मिटटी में आई खराबी को हमेशा के लिए दूर करना, जब फसल को प्राकृतिक भोजन मिलेगा, किड रोग से भी मुक्ति मिल जायेगी.
*मिटटी को शुद्ध बनाइये.*
इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रकृति ने जो हमें दिया है, उसके इस्तेमाल से मिटटी को शुद्ध बनाकर प्राकृतिक पोषण व्यवस्था को सुरु करनेवाले मल्टीप्लायर की निर्मिति का मुख्य उद्देश्य है, खेती में बाहर से कुछ भी ना डालना पड़े, प्रकृति से पोषण मिले, फसल किड रोग मुक्त बने और मिटटी को और ज्यादा पावरफुल बनाने के लिए जो भी डालना हो, वही डाला जाय जो प्रकृति को प्रिय हो.
*मल्टीप्लायर से मिलती है, सभी समस्याओं से मुक्ति.*
मल्टीप्लायर आपकी मिटटी को रासायनिक खादों के दुष्परिणामों से मुक्त कराता है, मिटटी में खादों के कारण निर्माण हुई खराबी को दूर करता है, मिटटी की गर्मी को ख़तम करके ठन्डे वातावरण की निर्मिति करता है, मिटटी में आक्सीजन के प्रमाण को बढ़ाता है, परिणामस्वरूप सभी हानिकारक विषाणु समाप्त हो जाते हैं, फसल को पोषण देनेवाले अच्छे जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है, फसल को प्रचुर मात्रा में भोजन मिलने लगता है, इसलिए उत्पादन किड रोग मुक्त होने के साथ बढ़ा हुआ उत्पादन मिलता है.
*सभी खर्चों से मुक्ति पाइये.*
मल्टीप्लायर बहोत कम मात्रा में लगता है, इसका खर्चा भी बहोत कम है, रासायनिक खेती में मल्टीप्लायर का इस्तेमाल सुरु करने पर भी खर्च नहीं बढ़ता, जब पहली बार इस्तेमाल करना है, *रासायनिक खाद 20 प्रतिसत कम करना है, फिर धीरे-धीरे रासायनिक खाद कम करना है, 05 से 07 साल में का इस्तेमाल शून्य हो जाता है, उसके बाद आप मल्टीप्लायर का भी इस्तेमाल बंद कर सकते हैं, या कम से कम कर सकते हैं.*
तीन गुना तक बढ़ेगा उत्पादन.
मल्टीप्लायर का इस्तेमाल सुरु करते ही उत्पादन बढ़कर मिलता है, फसलों को अधिक भोजन मिलने लगता है, *इसलिए पत्तों का आकार डेड गुना बढ़ जाता है, पत्तों का कलर डार्क ग्रीन बन जाता है, फसल सूर्यप्रकाश की मदत से दुगनी मात्रा में भोजन बनाने लगती है,* इसलिए उत्पादन बढ़कर मिलता है, फसल जितना भोजन बनाती है, उतना ही उत्पादन मिलता है, सात वर्षों में उत्पादन तीन गुना तक बढ़ जाता है.
*जहरीली दवाओं के छिड़काव से मुक्ति.*
फसल पर आनेवाले किड रोगों का मुख्य कारण होता है, फसल का कुपोषण, मल्टीप्लायर तकनीक से की जानेवाली खेती में फसलों को आवश्यकता से अधिक भोजन मिलता है, जिस प्रकार कमजोर आदमी बार-बार बीमार पड़ता है, ठीक उसी प्रकार बलवान फसल पर किड रोग नहीं आते.
*मल्टीप्लायर फसलों को देने का आसान तरीका **
* *मल्टीप्लायर रासायनिक खाद में मिलाकर दिया जा सकता है, बहते पानी के साथ दिया जा सकता है, मिटटी या रेती में मिलाकर खेत में फेंक सकते हैं, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से भी दे सकते हैं,*कैसे दिया जाए इसकी विस्तार से जानकारीलेने के लिये कोल करे--*
🪴🪴🪴🪴🪴💐💐💐💐💐. **भुमि सुधारना केन्द्र, किष्णा बिजनेस डेवलपमेंट प्रा ली मनोज बघेल *🪴 8349144940 🪴*