Rajesh Yadav

Rajesh Yadav Stay Motivated and Keep Going Towards Your Goal here, we share Motivational and Informative Things

Educator and Motivator
at Prince Academy Moradabad, UP
I love Watching Movies and Visiting New Places

07/12/2022
 #मामा+भांजी
07/12/2022

#मामा+भांजी

07/12/2022


03/12/2022

♥️🥰The Most Beautiful Video forever

27/11/2022

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं ,
आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ...

जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था .... जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे ...मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ....पता तो चले कितना माल छुपाया है .....माँ से भी ...इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..

जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ....मैंने जूता निकाल कर देखा .....मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था ...जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..और मुझे जाना ही था घर छोड़कर ...जैसे ही कुछ दूर चला ....मुझे पांवो में गीला गीला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ....पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था .....जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी .....मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ....मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?

दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ......ओह....अच्छे जुते पहनना ???पर उनके जुते तो ...........!!!!माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो ...और वे हर बार कहते "अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे .."मैं अब समझा कितने चलेंगे......

तीसरी पर्ची ..........पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये ...पढ़ते ही दिमाग घूम गया.....पापा का स्कूटर .............ओह्ह्ह्ह मैं घर की और भागा........अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ....मैं घर पहुंचा .....न पापा थे न स्कूटर ..............ओह्ह्ह नही मैं समझ गया कहाँ गए ....मैं दौड़ा .....और एजेंसी पर पहुंचा......पापा वहीँ थे ...............मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया .......नहीं...पापा नहीं........ मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल...बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..वो भी आपके तरीके से ..।

"माँ" एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है...और"पापा" एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है...Always Love & Respect Your Parents

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26/11/2022

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जिंदगी बहुत हसीन है,कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,लेकिन जो जिंदगी की भीड़ में खुश रहता है,जिंदगी उसी के आगे सिर झुकाती ...
26/11/2022

जिंदगी बहुत हसीन है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो जिंदगी की भीड़ में खुश रहता है,
जिंदगी उसी के आगे सिर झुकाती है।
बिना संघर्ष कोई महान नही होता,
बिना कुछ किए जय जय कार नही होता,
जब तक नहीं पड़ती हथौड़े की चोट,
तब तक कोई पत्थर भगवान नहीं होता।

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बेहतर से बेहतर कि तलाश करो,मिल जाए नदी तो समंदर कि तलाश करो,टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से,टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश...
25/11/2022

बेहतर से बेहतर कि तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर कि तलाश करो,
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से,
टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।

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चुपके से कोई कहता है शाएर नहीं हूँ मैंक्यूँ अस्ल में हूँ जो वो ब-ज़ाहिर नहीं हूँ मैंभटका हुआ सा फिरता है दिल किस ख़याल म...
24/11/2022

चुपके से कोई कहता है शाएर नहीं हूँ मैं
क्यूँ अस्ल में हूँ जो वो ब-ज़ाहिर नहीं हूँ मैं

भटका हुआ सा फिरता है दिल किस ख़याल में
क्या जादा-ए-वफ़ा का मुसाफ़िर नहीं हूँ मैं

क्या वसवसा है पा के भी तुम को यक़ीं नहीं
मैं हूँ जहाँ कहीं भी तो आख़िर नहीं हूँ मैं

सौ बार उम्र पाऊँ तो सौ बार जान दूँ
सदक़े हूँ अपनी मौत पे काफ़िर नहीं हूँ मैं

शाम को जिस वक़्त ख़ाली हाथ घर जाता हूँ मैं
मुस्कुरा देते हैं बच्चे और मर जाता हूँ मैं

जानता हूँ रेत पर वो चिलचिलाती धूप है
जाने किस उम्मीद में फिर भी उधर जाता हूँ मैं

सारी दुनिया से अकेले जूझ लेता हूँ कभी
और कभी अपने ही साये से भी डर जाता हूँ मैं

ज़िन्दगी जब मुझसे मज़बूती की रखती है उमीद
फ़ैसले की उस घड़ी में क्यूँ बिखर जाता हूँ मैं

आपके रस्ते हैं आसाँ आपकी मंजिल क़रीब
ये डगर कुछ और ही है जिस डगर जाता हूँ मैं

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23/10/2022


21/10/2022

one of my most favourite singer after
She also looks like Shreya Ghoshal
I often watch her singing

एक महाराजा थे।  जिसका सिर्फ एक पैर और एक आंख थी।  उसके राज्य में सभी लोग सुखी थे।  क्योंकि राजा बहुत बुद्धिमान और प्रताप...
21/10/2022

एक महाराजा थे। जिसका सिर्फ एक पैर और एक आंख थी। उसके राज्य में सभी लोग सुखी थे। क्योंकि राजा बहुत बुद्धिमान और प्रतापी था।
एक बार राजा को अपना एक चित्र बनाने का विचार आया। आगे क्या हुआ, देश-विदेश से चित्रकारों को आमंत्रित किया गया। और अधिक से अधिक चित्रकार राजा के दरबार में आए।
राजा ने उन सभी से हाथ जोड़कर विनती की। कि वे उसका बहुत सुंदर चित्र बनाएं। जिसे राजमहल में स्थापित किया जाएगा।
सभी चित्रकार सोचने लगे कि राजा पहले से ही विकलांग है। फिर उनका बहुत सुन्दर चित्र कैसे बन सकता है? यह संभव नहीं है। और अगर तस्वीर सुंदर नहीं है, तो राजा क्रोधित हो जाएगा और दंड देगा।
यह सोचकर सभी चित्रकारों ने महाराजा की पेंटिंग बंनाने से मना कर दिया ।
तभी पीछे से एक चित्रकार ने हाथ उठाया। और कहा कि मैं आपका बहुत सुंदर चित्र बनाऊंगा। जो आपको जरूर पसंद आएगा।
तब चित्रकार ने झट से राजा की आज्ञा ली और चित्र बनाने लगा। बहुत दिनों बाद उन्होंने एक तस्वीर बनाई।
जिसे देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुए। और अन्य सभी चित्रकारों ने अपनी उंगलियों को अपने दांतों के नीचे दबा दिया।
उस चित्रकार ने ऐसा चित्र बनाया। जिसमें राजा घोड़े पर इस प्रकार बैठा हुआ था। जिससे सिर्फ एक पैर दिखाई दे रहा था।
और एक आंख रानी साहिबा की लटकी हुई झालरों से ढकी हुई थी।
यह देखकर राजा बहुत खुश हुए। उस चित्रकार ने कितनी चतुराई से राजा की दुर्बलता को छिपाकर सुन्दर चित्र बनाया है। राजा प्रसन्न हुआ और उसने उसे महान पुरस्कार और धन दिया।
और हो भी क्यों न, हमें दूसरों की कमियों को भी छुपाना चाहिए और नज़रअंदाज करना चाहिए। और उनके गुणों पर ध्यान दें। आजकल देखा गया है कि लोग एक-दूसरे की कमियां बहुत जल्दी ढूंढ लेते हैं। हमारे भीतर कितनी भी बुराई क्यों न हो। लेकिन हम हमेशा दूसरे लोगों के बुरे कामों पर ध्यान देते हैं। वह फलाना आदमी ऐसा ही होता है। का है
हमें नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोचना चाहिए। और हमारी सकारात्मक सोच ही हर मुश्किल का समाधान कर सकती है।

18/10/2022
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16/10/2022

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16/10/2022

"मैं पालतू नहीं हूं, लेकिन आपने मेरे साथ जो किया वह दुख देता है।"
मेरी पीठ टूट गई है, पेट में दर्द है।
हिल नहीं सकता और दर्द बढ़ रहा है।
मुझे डर लग रहा है... मैं धीरे-धीरे मर रहा हूं, बहुत धीरे-धीरे।

अगर तुम मुझसे प्यार नहीं करते, तो मुझे पिंजरे में बंद कर दो और मुझे स्वस्थ कहीं और ले जाओ।
कृपया कृपया।

मैं खतरनाक जानवर नहीं हूं और मैं आपको चोट नहीं पहुंचाऊंगा।
मैं बस भूखा था”। *मेने आपके कपड़े काटे क्योंकि मुझे इतनी समझ नही है मैने कुछ नुकसान किया मुझे समझ नहीं है। मेरे पूर्व कर्मों के कारण मुझे ये जीवन मिला है मुझे मार कर आप कर्म बंध मत करों क्योंकि राजा हो या रंक सबको अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ेगा।*।

एक टुकड़ा रोटी के लिए मुझे यूं ना मुझे सताओ 👏

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Rajesh

Kumar
Rajnish yadav
অসমীয়া জাতিৰ এই কৰনা বিপদত সহায় কৰি থকা সকলো মহান লোক সকলৰ বাবে ভগৱানৰ ওচৰত প্ৰাৰ্থনা কৰো আহক
Wo
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